किस खेत से लाई थी गेहूं,किस पेड़ से डालीबोलो मेरी चिड़िया रानीअपनी बातें मुझ से बोलो।किस बाग से लाई थी लकड़ीकिस नद से पानी,तिनक तिनका कहां से लाईअपनी कहो कहानी मैना।तुमने बुना था घर वो अपनाजहां न धर सकते थे दाना,तुमने बनाया घर वो अपना,जोड़ जोड़कर गेहूं का दाना।दिया जहां पर अंड़ा तुमनेजगह भी वो कितना तंग था,सेने को सहा घाम दुपहरी तुमनेतिनका ला ला सांझ किया था।एक दिवस देखा मैंने क्या,चांच निकाल झांका था नभ मेंवो तेरा ही बच्चा था क्या,मिच मिच करती आंखों में।सपने संजोए आई थीजग के इस मेले मेंवो सुबह भारी कैसी थीउड़ गए वे खुले वितान में।खोई खोई ताक रही थी,जिसमें पले थे वो दो बच्चे,कहां गए किस ओर उड़ चले,क्या वापस वो आ पाएंगे।आज उदास बैठी थी चिड़िया,सूझ नहीं रहा था कुछ भीकिस खेत से लाई थी गेहूंकिस पेड़ से डालीबना उन्हें पाला था।
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mamtaa mahaan hai par uske aage bhi jahan hai
Lovely creation……………!!
Very Nice
Thanks all of you read and gave ur comments