कोई किसी का बन गया है भक्त,कोई किसी का विरोधी
असली मुददे से सब भटके है,गरीब तो मांगे बस रोटी
कोई कहता है झाड़ू अपनाओ,कोई कहता है फूल
लालटेन,हाथ कतार में है सब,बनाते रोज जनता को मूर्ख
लड़ा रहे लोगो को नाम ये लेकर,कभी हिन्दू कभी मुसलमान
और खुद साथ में बैठकर करते,दावत,नाच और गान
कितने का घर का जलता न चूल्हा,पर जला रहे है देश
कभी साधु कभी मौलवी,न जाने कितने इनके है भेष
कभी ईद है कभी दिवाली,कभी होली कभी रमजान
अपने देश की यही खूबसूरती,जो पहचाने वही है सच्चा इंसान
Truly said ………………..very nice
thanks nivatiya ji……….
Ati sundar rachnaa Vijay Kumar ……
धन्यवाद शिशिर जी……….
sahi likha aap ne
thanks arun ji……..
खुबसूरत ………..
धन्यवाद…….
Bahut sundar rachna Vijay ji….
बहुत धन्यवाद आपका ,मेरे उत्साहवर्धन के लिए.
बहुत ही खूबसूरत……………..!
धन्यवाद काजल जी……
bhai sahi kaha aapne…..har koyee fool bana raha aam aadmi ka….
आपके प्रतिक्रिया के लिए बहुत धन्यवाद……
Very nice…………………….
thanks vijay ji….
Nice…… !!!!
thanks ashwin ji…..