एक फैसला आया हुआ विश्वास गेहराइन्साफ मिलता है,कानून पर फिर विश्वास ठेहरादरिन्दे छूट नही सकते अगर हमने है ठानीहैं न्याल्लय,वर्दि वाले बड़ी मेहरबानीमॉ बापु के ऑखो मे आज शकून होगातुझको खोने का गम तो निर्भया जरूर होगापर ये फैसला उस दर्द का मलहम बनेगीजब तेरी यादे ऑखो से अक्सर छलका करेगीपर अफसोस अबभी जुल्म सर उठा रहा हैलुनगा बचा दावे वकील जता रहा हैंमै सोचता हूं इनके शिने मे क्या दिल नही है ?पढे लिखे हैं पर इन्शानियत से है इतने खाली ।ऊफ एैसे लोग जाने कब रूकेंगे !कब होंगे पस्त हौसले गुनहगारो कें ?
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Sahi kaha aapne…par ghar mein…school mein…sadaachaar ki Shiksha hi aise krityon Ko khatam kar Sakti hai kaanoon nahin….sadaachaar se jab har kisi ki ijjat apni ijjat hogi tabhi sambhav Hoga unmoolan aisee buraayee ka……
ji sir
par kanoon sakt bahut jaruri hain iska apna phayde hain ye to hame manna hi hoga
अति सुन्दर भाव……
dhanywad sir
बहुत खूबसूरत……रचना
houshla afjahi ke liye dhaywad
अति सुन्दर भाव …………..सामाजिक जागरूकता की जिम्मेदारी प्रत्येक व्यक्ति की है !!
thank you sir