हम पड़ोसी बदल नहीं सकते,पर पड़ोसी जैसी भाषा समझे,वैसे ही उसे जबाब दे सकते है|एकबार सिख गए देना ज़बाब,पड़ोसी भी, सुधर जाएंगे तब,कोई हल्की बात करने की,फिर से हिमाकत नहीं करेंगे|मालूम है, अहिंसा अच्छी होती है,पर अन्याय सहते रहना भी,कहाँ बहादुरी कहलाती है ?मारे थप्पड़, अगर एक गाल पे,तो गाल दूसरा, आगे करने का,समय अब नहीं है, किया वैसे,सब फिर, कायर ही समझगें|इसलिए सही रणनीति को अपनाते हुए,जिसको जिस भाषा में, समझ में आए,उसी भाषा में, उसको ज़बाब दिया जाए| अनु महेश्वरीचेन्नई
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
bilkul sahi kaha aapne…….ussi ki bhaasha mein baat samajh aayegi usko…. …
Thank You, Sharmaji…
Well said……..
Thank You, Shishir ji…
bahut badiya anu ji……wase isliye modi ji urdu sikh rahe hai…….hahahaa
Thank you, Mani ji…
आपकी रणनीति वाली बात से पूर्णरूपेण सहमत हूँ …कारण कुछ भी हो………….वास्तविकता यही है की उचित रणनीति नहीं बन पा रही है जिस कारण इन हालातो से जूझना पड़ रहा है …….!!
Thank you , Nivatiyaji…
achhi au satick aapne apni lekhni se ukeri hai…. bahut achha…ranneet wali baat achhi hai….anu jee.
Thank you, Bindeshwar ji…
Very nice ……..,
Thank You, Meena ji…