बोलो तो मीठा बोलो,तोल-मोल कर,ह्रदय -तुला पर सोच-समझ कर मुहं खोलो बोलो तो मीठा बोलो कौआ किसका धन हरता?पर, उसकी कर्कश कावं-कावं मन निरानंद कर देती है कोयल किसको क्या देती है?सबको मीठी कूह-कूह से सम्मोहित कर लेती है निम्बोली कड़वी होती है उसे कोई कब खाता है मीठा फल है आम सभी के मन वही सुहाता हैमीठेपन से सभी फलों का राजा भी कहलाता है मन के मीठे सब को भाते कटु से कौन करे व्यवहार जो है मधुर उसी का साथी बन जाता है यह संसार साथ समय के भर जाता है तीखे शस्त्रों का भी वारभरती नहीं दिनों-सालों तक कटु-बोली से पड़ी दरार मीठी बोली हर लेती है निर्दय के हृदय को भी इसी लिए तो बोल बोलते सदा मधुर ही कवि-कोविद मीठी-बोली को अपनाओ मन की सब गांठे खोलो भेद-भाव को छोड़ सभी के कानों में मिश्री घोलो बोलो तो मीठा बोलो
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
बहुत सही औऱ सुन्दर रचना है विमल जी आपकी……………..
sarahane ke liye dhanyavad
Very nice…
thanks
bahut sundar……………..
shukriya
behad sundar rachnaa …………….
natmastak hun
bahut hi sunder rachna sir…….
dhanyavad
Truly said ………..very nice.
obliged
vimal jee bahut ac hha …….
sar aakhon par