Kunwar Shivam Vermaजो करिये ही न कोशिश,तो सवाल कहा हल होगा।जो बोया बीज आराम का,तो सफलता का फल कहा पाओगे।।जो साहस छोड़ मैदान से भागोगे,तो विजय कहा पाओगे।जो डाटे रहे मैदान में विजय की खातिर,तो अर्जुन तुम कह लाओग।।जो त्याग के सुख चैन खुद गया संघर्ष के मैदान में,तो कामयाब मंजिल तुम पाओगे।जो मन ले गए निराशा की ओर,तो जीवन का अर्थ कहा समझ पाओगे।।जो जियोगे उच्च विचार को लेके,तो ज्ञानी तुम कह लाओगे।जो हर काम में अपना स्वार्थ देखोगे,तो स्वार्थी तुम कह लाओग।।जो करोगे हर काम मन से,तो निराशा कहा पाओगे।जो कर दिया कमाल जीवन में,तो अब्दुल कलाम कह लाओग।।जो वक़्त पे न किया कोई कार्य,तो बीता हुआ वक़्त कहा पाओगे।जो किया तुमने वक़्त का सम्मान,तो उगता हुआ सूरज तुम कह लाओगे।।जो डाटे रहे चट्टान बनकर कठनाइयो मे,तो साहसी तुम कह लाओगे।जो मान लिया हार तुमने,तो कायर तुम कह लाओगे।।जो देख अन्याय गर चुप रह गए,तो दोषी तुम कह लाओगे।जो देख बुरा चुप रह गए तुम,तो ग़ांधी जी के बन्दर कह लाओगे।।जो उठा दी आवाज तुमने बुरा देख किसी की खातिर,तो सच्चे इंसान तुम कह लाओगे।।
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
bahut khoob…………
बहुत सुन्दर रचना है,प्रेरणा से ओत-प्रोत.
bhut sundar likha apne…………………………..
सूंदर भावों में रचित……
मेरी रचनाओं को भी पढ़ें और अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया दें.
Lovely ……………………..!!
धन्यवाद आपका