सत्ता कितनी प्यारी
मेरे देश के हुक्मरानो को सत्ता कितनी प्यारी है रोज़ मरे मजदूर किसान सैनिको ने जान वारी है आदि से अंत तक का इतिहास उठाकर देख लो कब किसी प्रधान ने की इसके निवारण की तैयारी है !!
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डी के निवातिया
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ATYANT HI MARMIK DESH HIT ME YAH MUKTAQ PURE DESH KE LIYE EK PARIDHI PAR GHUMNE WALA HATHORA HAI. WAH BAHOOT KHOOB….
Thank u very Much Bindu ……………….!!
सत्य को उकेरती बहुत सूंदर रचना. अगर आप अंतिम पंक्ति में एक बदलाव करें तो रचना की सुंदरता और बढ़ेगी. अगर आपको उचित लगे तभी करियेगा.
“कब किसी प्रधान ने की इसके निवारण की तैयारी है.”
Than u Very Much …………yes point is valid i agree with your observation…. !!
Bahut sundar rachna…Vijay ji ne jo likha usse mai bhi sahmat hu….
Thank u very Much ANU JI………necessary changes has been done !!
सत्य को बयान करनेवाली एक सुन्दर कविता –
Thank U very Much chandramohan kisku ….!
प्रशासनिक अनदेखी के कारण जनता के कष्टों के कारण मर्माहत कवि के उद्गार । सुन्दर कविता निवातिया जी ।
आपकी अमुल्य प्रतिक्रिया के बहुत बहुत धन्यवाद मीना जी
Baht khub Nivitiya ji
बहुत बहुत धन्यवाद राजीव जी आपका !
सही कहा आपने निवातिया जी……….
बहुत बहुत धन्यवाद मधु जी आपका !
बिलकुल सटीक……अगर सत्ता की लालसा न होती तो देश के हालात बहुत भी बेहतर होते…..
बहुत बहुत धन्यवाद बब्बू जी आपका !
Lovely sarcasm Nivatiya Ji……………
बहुत बहुत धन्यवाद शिशिर जी आपका !
100% true lines………very impressive……
Than U Very MUch………….!
बहुत ही सही कहा आपने निवातिया जी……
बहुत बहुत ही बढ़िया………..
तहदिल से शुक्रिया आपका KAJAL JI.