ये सपने हर पल में आते क्यों है ,तितली बन कर उड़ जाते क्यों है,देकर ख्वाबो में खुशियाँ,दूर चले जाते क्यों है .जब ये अपने होते नहीं है ,अपने बन कर दिखते क्यों है .जितना एहसास पास होने का,उतना ही दूर जाते क्यों है .पल दो पल में सजकर ,ये सपने भिखरते क्यों है .सपने ऐसे होते क्यों है .यादो का झुरमुट लिए, ये सपने आते क्यों है .सावन की कभी हरियाली बनकर ,.पल दो पल में रुककर,पतझड़ में मिल जाते क्यों है .ये सपने ऐसे होते क्यों है .जब नग्मों की धुन अधूरी ,रह जाती है ,तो मधुर तान सी बनकर आते क्यों है..ये सपने ऐसे होते क्यों है .जितना इन्हे चाहू , बस चाहते जाऊ.उतना ही डर इन्हे खोने का क्यों है ..ये सपने ऐसे होते क्यों है .. ये सपने ऐसे होते क्यों है …. ANJALI YADAV
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अति सुन्दर ……..!
Thanku
bhut sundar anjali ……………………
bahut khoob anjali….
बहुत खूब,,,,,anjali जी।
सपनों को अपने शब्द में उम्दा रचा,,,
Bahut sunder bhaavon ko piroya hai aapne…………….
bahut sundar…………
Bahut sundar…Anjali….
Very nice……. अंजलि जी…..
Ati sundar
Bahut sundar Mam G