जिन्दगी तेरे नशे के सिवा, किसी और नशे से अब चढ़ती नहीं । कितने ही मैकदे, कितने ही दम, हम पीये बैठे है, लेकिन अब भी तेरी रोशनी, मेरे दिल के चिरागो से बूझती नहीं ।जिन्दगी तेरे नशे के सिवा, किसी और नशे से अब चढ़ती नहीं । मिटा डाला है खुद को, तेरी जिन्दगी से तुझी के लिए, लेकिन अब भी हसरत ये रखते है, की तुझे ही पाने की कोशिश करते है । जिन्दगी तेरे नशे के सिवा, किसी और नशे से अब चढ़ती नहीं । जिन्दगी मेरी ये जुड़ जाए, उनकी जिन्दगी से, इसके सिवा और कोई दूआ, अब हमे मंजूर नही । जिन्दगी तेरे नशे के सिवा, किसी और नशे से अब चढ़ती नहीं । #ashwin1827
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
achhi rachana apki ashwin ji………………..
बहुत खूब…………….
सुंदर भाव अश्विन ………………. ” रांझे की हीर ” एवं ” अलबेला हूँ ” को भी पढ़े और अपने विचार व्यक्त करे !
खुबसूरत रचना………..