नीले आकाश की तरह हुआ करता था जो पानीआज उसका रंग काला हैं …,एक जमाने में वो यमुना नदी हुआ करती थीआज जो गंदा नाला है !छूकर जाती थी हवा जो लहरें ,दिया करते थे हँस जहाँ पहरे ,जिसने प्यासी दिल्ली को अकेले सँभाला हैं ,एक जमाने में वो यमुना नदी हुआ करती थीआज जो गंदा नाला है !एक सूंदर नदी जो नाला बन गईउस नाले का कारण हम हैं ,अच्छे नही होते पर्यावरण के लिए इंसानइसका एक उदाहरण हम हैं ,कर्ज़ कैसे चुकाएँगे माँतूने हमें जो पाला हैं ,एक जमाने में तूं यमुना नदी हुआ करती थीआज तूं गंदा नाला है !
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Sundar rachna…
खूबसूरत चिंतन ………..!!
sahi kaha aapne……………..par sab sochein tab….
खूबसूरत रचना.
नदियों से जीवन का गहरा सम्बंध है उनको दूषित होने से बचाना हर इंसान का फ़र्ज़ बनता है ,,सु विचार हैं
sahi kaha apne ……………yamuna hi nhi anya nadiyon ka bhi yahi hal hai.
बहुत खुबसूरत रचना……..
chintan karti sunder rachna aapki….