मिलने बिछड़ने का ये सफर जारी रखो।थोड़ा करार हो और थोड़ी बेकरारी रखो।तू मुझको अपना लगान जाने कैसी नज़र थी मेरीअगर तेरी भी नज़र-ए-करम हो ऐसीतो ये नज़र जारी रखो।या भूलकर मेरे सारे लफ्ज़-ब-लफ्ज़चलो फिर से अज़नबी बन जाये हमदोनोंइन यादों को ख़ुशनुमा मोड़ देकरवक़्त की ये बे-इख़्तियारी रखो।खबर मिली है केवक़्त लगता है मरहम हर ज़ख्मों परये ख़बर है काम कीये ख़बर जारी रखो।@aryan136207 (Twitter)
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bhut khoob aryan ji………………………..
Shukriya…
Nice………….”
Thanku mam… 🙂
बहुत ही खूबसूरत…………….