तू दर्पण ,तुझपे मै अर्पणहर साँस में तेरी समायी हु ,तू ही मेरे जीवन की मालिक ,माँ मै तेरी परछाई हू….जब मै मुस्काती तब तू मुस्कातीतेरे मन से मै जुडी हू ,राहों पर तेरी मै चलना चाहू,माँ मै तेरी परछाई हूँ…हर दिन ममताई स्पर्श को ,महसूस मै कर लेती हूँ,याद है वो गोदी का पालना ,याद है वो नरम बिछौना ,अब सभी यादो को समेटती हूँ ,माँ मै तेरी परछाई हूँ..मै पंछी तेरे अरमानो की ,जब तू कहती उड़ जा ,तब मै उड़ जाती हू ..पीछे मुड़कर देखा करती हूँ,,,क्योकि माँ मै तेरी परछाई हूँ ..मै भी जानू, तू भी जाने,जान से भी प्यारी हूँ तेरे ,लेकिन दस्तूरों की दुनिया न माने,,,तो लेने को तैयार बिदाई हूँ ,हँस कर दे दो या दे दो रोकर ,क्योकि ….माँ मै तेरी परछाई हूँ …..ANJALI YADAV KGMU LKO
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
ati sundar. maatr prem se bharpoor………
Thanku sir
bhaavuk kar diya…..behad sundar anjali ji…..
माँ की स्तुति में जितना भी कहा जाये सदैव अपूर्ण रहता है …………….अति सुन्दर !!
Thanku
So sweet
bhut sundar kavita ……………….anjali ji………..
बहुत खुबसूरत………. हर लड़की माँ की परछाई ही
होती है…………….