- उस अजनबी से जुदा होने का मुझे मलाल क्यों हैना चाह कर भी हर वक़्त दिल में उसका ख्याल क्यों हैकुछ कसूर तो उसकी अदाओं का भो है मेरी इस हालत कावर्ना किसी अनजान के लिए ये दिल इतना बेहाल क्यों हैनैनो में बसी है ऐसे की सोना चाहूँ तो नींद आती ही नहीऔर सुबह दोस्त लोग पूछते यार तेरी आँख लाल क्यों हैक्या बताऊँ उन दोस्तों को जब खुद की हालत का पता नहीजो दिल धड़कता था आराम से आज उसकी इतनी तेज़ चाल क्यों हैलगता है बातों ही बातों में मोहब्बत हो गयी है उस अनजान सेवर्ना लोग नही पूछते की तुम्हारी शायरी इतनी कमाल क्यों हैपियुष राज ,दुमका ,झारखण्ड ।(PoemNo-54) 22/03/2017hi
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behad khoobsoorat…………..
बहुत खुबसूरत…….. क्या बात है……..
ATI SUNDAR…………………………………..!!
Bahut sundar….