अमीर आदमी – ” तुम गरीब इंसान बहुत ही बेवकूफ़ होते हो सिर्फ़ रोटी कपड़ा और मकान के लिए जीते हो।” गरीब आदमी ” तुम बेईमान हो खुदगर्ज हो तुमने बेईमानी करके पैसे कमाये हैं। ” अमीर – “इस बेईमानी और खुदगर्जी से ही इतना सुखी हूँ।” तुम्हें क्या हासिल हुआ इतना सच्चा और ईमानदार बन कर? गरीब – ” सिर्फ हासिल करने के लिए सोच खुदगर्जी से ही शुरू होती है। क्या पाया मैंने ये नहीं सोचा।” अमीर – ” तुम बेवकूफ़ हो नासमझ हो जीने की कला नहीं जानते । मुझे देखो और कुछ सिखों मुझसे।” गरीब – ” जीने का तरीका तो मैं खुद ही तय करुंगा….. क्योंकि ये जिंदगी केवल मेरी हैं। ” अमीर – ” तुम्हारी पत्नी और बच्चे तुम्हें छोड़कर जा चुके हैं। क्या तुम्हें इसका कोई दुख नहीं।” गरीब – ” उन्हें दौलत का सुख चाहिए था….. इसलिए वो चले गये। वो अपना जीवन अपने तरीके से जीना चाहते हैं।” अमीर – ” क्या तुम्हें अपनी जिम्मेदारी का अहसास नहीं? “गरीब – ” है इसलिए तो दिन रात मेहनत करता हूँ । ठोकरें खाता हूँ। जिम्मेदारी है सोच कर गलत काम करु….तो मेरे पापो की जिम्मेदारी कौन लेगा। अपने कर्मों का फल वो अकेले भोगता है चाहे बुरा हो या अच्छा। ” अमीर – ” तुम मुझे प्रवचन न सुनाओ। “( इतना कह कर अमीर जाने लगा, तभी अचानक उसका पैर फिसल गया और वह सीढ़ियों से नीचे गिर पड़ा। गरीब उसे अस्पताल ले गया। ) गरीब – ” तुम्हारे गिरने से तुम्हारे दोनों पैर टूट गये……. तुम्हें अपने परिवार को बुला लेना चाहिए। “अमीर -” मेरा परिवार यहां नहीं है….. मेरे माता पिता और पत्नी चार धाम की यात्रा के लिए गये हैं और मेरे दोनों बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं। “गरीब – ” ओह अब तुम्हारी सेवा कौन करेगा। “अमीर – ” मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ता हूँ। कृपा करके मेरे साथ रहो। मैं तुम्हें मन चाहा धन दूंगा।” गरीब – ” मुझे धन का लालच नहीं…. तुम्हारी मद्त और सेवा मेरा सौभाग्य होगा।” अमीर – ” तुम कितने सच्चे और अच्छे इंसान हो। तुम नहीं होते तो मेरा क्या होता?” गरीब – ” पर कुछ देर पहले तो तुम मेरी ईमानदारी को बेवकूफ़ी कह रहे थे ।” अमीर – मौन !! सिर झुका कर !! ” ईमानदार गरीब इंसान सीना ताने खड़ा था सिर उठा कर “. . .” काजल सोनी “
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काजल जी, बहुत खूब…………..,, वार्तालाप के माध्यम से सुन्दर सन्देश ।
बहुत बहुत आभार आपका मीना जी……..
Baat aap sahi kahti hain buri kamaayee khaate sab hain par bhogta karne waala…Or insaan laalach mein apne pair pe kulhaadi maar raha… Ati sunder……
सुंदर प्रतिक्रिया और प्रोत्साहन भरे शब्दों के लिए तहे दिल से आभार आपका शर्मा जी………
Bahut achha likha aapne….
बहुत बहुत आभार आपका अनु जी…..
Paise or jhooti safaltaa ko sab Kuch manne vaalo ki soch par ghost kartaa sundar prasan gadaa hai aapne Kajal ji. Aapki lekin me versatility hai.
मधुकर जी आपके प्रोत्साहन भरे शब्दों के लिए बहुत बहुत आभार आपका……..
सामाजिक नब्ज को पकड़कर उसको चित्रपटल पर रखा है आपने ………..अमीरी गरीबी के मूल अंतर को समझाने का बेहतरीन अंदाज ………अति सुन्दर काजल !!
रचना पसंद करने और प्रोत्साहन भरे शब्दों के लिए बहुत बहुत आभार आपका निवातिया जी………
बहुत ही लाजवाब अमीर-गरीब के फर्क को आपने बहुत ही बेहतरीन तर्क दिया है. . . . बहुत खूब।
बहुत बहुत शुक्रिया आपका अजय जी……
bahut acche kajal ji…….
बहुत बहुत आभार आपका मनी जी…….
bahut hi badiya ……………………………. Kajal Ji.
आपका बहुत बहुत आभार सर्वजीत जी……….
bhut badhiya………….. khoobsurat kajal ji…….
बहुत बहुत आभार आपका मधु जी………