यह सोच अच्छी भी है और सही भी,”ईश्वर जो करे होता है”।परंतु इसकी विवेचना कही कही,गलत हो जाती है, जैसे अगर कोई,हाथ पर हाथ धरे बैठने लग जाए,तब यह गलत साबित हो जाती है।दरअसल हम इस उपदेश का,व्याख्यान अगर इस तरह समझे,”कर्म तो हमें करना ही हैबस फल की चिंता हम न करे”,तब कोई समस्या नहीं रहेगी।समस्या यही है, हम पूरा न तोसुनते है, और न ही समझना चाहते है,बस ज्ञान बाँटने में लग जाते है।किसी भी बात का अधूरा ज्ञानअक्सर और भी भयंकर होता है।और अगर समझ भी गए हम,जीवन में खुद कम ही अपनाते है । अनु महेश्वरीचेन्नई
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
बिल्कुल सत्य कथन आपका अनु जी…
बहुत बढ़िया लिखा है आपने।
Thank you, Ajay ….
बिल्कुल सत्य कथन आपका अनु जी…
बहुत बढ़िया लिखा है आपने।
Thank You, Ajay…
Anu ji , ati sundar ………..,
Thank You, Meena ji…
बहुत ही सही लिखा है आपने अनु जी…….
Thank You, Kajal ji….
खूबसूरत शिक्षाप्रद रचनात्मकता ……………….!!
Thank You, Nivatiya ji…
Sahi kaha aapne……
Thank You, Sharma ji…
Saty vachan……..
Thank You, Shishir ji…
Very Nice ………………………. Anu JI.
Thank You, Sarvajit ji…