पता था मुझे दुनिया का तो, बस दुःख इसी बात का आया है की मुझे तू भी समझ ना पाया है… ख़ामोश परिंदा आज पहली बार चिलाया है, जिसे तू सुन ना पाया है…इस जालिम दिल ने भी ख़ूब रुलाया है,पर आँख ने आंसू तक न बहाया है…आज ये दिल शिकायत करने आया है,पर इसे तू समझ न पाया है… जब ये दोस्त तेरा तेरे पास आया है, उसी वक्त हवा के झोंके ने ऐसा कहर ढाया है,की तू पलकें उठा ना पाया है…तेरा दोस्त तेरी ही शिकायत लेके आया है,पर तू इसे समझ ना पाया है… तू जिसे अँधेरा समझे बैठा है,पागल वो मेरा ही परछायाँ है,आज ये फिर तुझसे मिलने आया है..पर अफ़सोस तू इसे समझ ना पाया है.. ख़ैर जो भी हो मैं बड़ा ख़ुशनसीब हूँ ,जो तुझ जैसा दोस्त पाया है..बेसक तू ये सब समझ ना पाया है,पर याद है मुझे.. मैने हर खुशनुमा पल तुझ संग ही बिताया है…तेरे साथ ही तो ये लब खुल के मुस्काया है..आज शिकायत नही.. बस तुझ से मिलने तेरा दोस्त आया है…हाँ सिर्फ तुझसे मिलनेतेरा दोस्त आया है..
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
bhut khoob likha hai apne Vinod ji……………
Thank you very much
sundar…………
सुक्रिया
बहुत ही सुंदर………….. ।
Thank you 😊
very nice sir….
Thank you sir
Sundar rachna…
Thanks for compliment
Beautiful……………………………!!
Thank you
बहुत अच्छी कविता
शुक्रिया