मादर-ए शिकम में –1–एक दिन मादर-ए शिकम मेंपल रहे कतरे के जेहन में कुछ-कुछ बातें आईंचाहत उमड़ीं उसके मन मेंअपने रब से जताईं-‘आज अतल में पड़ा हुआ जब धरती पर जाऊँगा मैंमेरे रब, ने जैसा चाहा होगावैसा ही जनम पाऊँगा मैं ।चाह नहीं बेटा बन जाऊंचाह नहीं बेटी बन जाऊं;चाह मगर इतनी है मेरीसभी मेरा इन्तजार करेंधरती पर जब मैं पहुंचूंसब मुझसे ही प्यार करें।एक चाह और बड़ी है मेरीरब, जब जग में मुझको पहुंचा देनासर पर हाथ हो बाबा का मेरेअश्क़ भरी ममता को दिखला देना।.. –2–मेल बनूं तो-सरमाया का बलवान बनूंमेहनत करूं, इंसान बनूं मैंकभी किसी को धोखा न दूं हरगिज़ न शैतान बनूं मैं।किसी की राह को रोक सकूं मैंमालिक इतना बल मत दे देना,किसी के माल को घोंट सकूं मैंमालिक इतना धन मत दे देना। –3–फीमेल बनूं तो- शीलवान बनूं, हयादार बनूं बड़ों की खिदमतगार बनूं ऐसा हो किरदार मेराघर की कीमत मैं बन जाऊंऐसा हो व्यवहार मेराघर की ज़ीनत मैं बन जाऊं।चाह नहीं मुझे कुटिया मिल जाएचाह नहीं पाकर बंगला खो जाऊंकिस्मत में जो मेरे लिखा हुआ होमौला, मैं उससे ही राजी हो जाऊं। –4–मेल-फीमेल जो भी बनूं-जैसे भी हालात मेरे होंनेक बनूं, ईमानदार बनूं मैंकांटों से भरी भले राहें होंसच्चाई का आलम बरदार बनूं मैं।मज़बूरों का सेवक बन जाऊंमज़लूमों का पतवार बनूं मैंडूब रही हो नैय्या कोईउसका खेवनहार बनूं मैं।सर पड़ा रहे वाल्दैन के क़दमों मेंउनकी ऊंची सब बात रहेंदिन-रात रहें खुश वे मुझसे उनकी दुआएं, सदा मेरे साथ रहें।
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bh hi khoob vichar hai apke………. apko mnchaha murad mile raquimali ji .
lovely thoughts and positive thinking…………..
सकारात्मक पहलु को इंगित करती बेहतरीन रचना !!
aap sab ka tah-e dil se shukriya
बहुत बहुत ही खूबसूरत…………….. ।
Thanks Kajal Soni ji