जो बैठे है हम साथ आज ना जाने फिर कभी करीब हो न होये जिन्दगी के हंसीन पल न जाने फिर कभी नसीब हो न हो ।समेटे रखना हमे अपनी यादो मे क्या पता एैसे लम्हे फिर कभी नसीब हो न होबख्त का क्या भरोसा आज आपके साथ है फिर कभी करीब हो ना हो।किसी रोज सोचना बैठ कर ईतमिनान से न जाने फिर कभी वो सुकुन नसीब हो न हो ।क्या पता आपकी जिन्दगी के सबसे हंसीन मोड पर हम आपके करीब हो न हो।जब भी मौका मिले तो लबो पे मुस्कुराहट सच्ची रखना “दोस्तो” न जाने फिर कभी सच्ची मुसकुराहट नसीब हो न हो।क्या पता हमारे बाद बेबजा हंसाने वाला कोई आपके करीब हो न हो। (गुरू देव सिह)
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bhut sahi kaha apne guru dev singh ji…………..
meri kavita…… tune kiya upkaar …….bhi padhiye aur apna amulya comment dijiye.
Wah. Bro
Tnx bhai
Ji zarur dhnyabad
bahut badiya………………
Tnx g
bahut khoob………….
Tnx g
भावो को शब्दो में उतारने का अच्छा प्रयास ……जारी रखे !
धन्याबाद जी