इक बार तो मेरी बात पर भी विश्वास करोहर इक दिल में खुदा है इसका अहसास करो। इनसे ही घोंसला मेरा घर भी आबाद हैये चिड़ियाँ चहकती हैं इन्हें न उदास करो। नन्हीं सी ख्वाईश है इक तुम्हें पाने कीपर तुम्हीं कह रहे ये आस बेलिबास करो। कहते हैं तुम कैद हो हर इक बुतखाने मेंमैं तो तुममें हूँ, खत्म ये कारावास करो। तुम्हें भूलकर अब मैं और किसका नाम जपूँतुम भी नाम बदलकर लब न बेमिठास करो। कच्ची गागर समझ इस दिल को न खाली रखोजनम जनम की प्यास को न अनबुझी प्यास करो। अपने किये दुष्कर्मों का कुछ तो इलाज करोजो देख रहा है खुदा उसे ना उदास करो।…. भूपेन्द्र कुमार दवे00000
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Lovely thought ……………!!
bahut sundar…
sunder…………..
Good one ……..
bahut hi khubsurat………….!
bhut khoob…………… ant me duskarm sabd thik nahi lga uske sthan pr anya sabd dala ja sakta hai.