जिसे देखो आक्रोश में है।कोई अपनी हताशा दूसरे पे,निकालने में लगा है,या कोई अपनी धौंस दिखाने में।कोई अपने घरवालों पे,कोई दफ्तर के कर्मचारी पे,कोई दोस्तों या सहकर्मी पे,कोई हॉस्पिटल के डॉक्टर्स पे,कोई घर पे रह रहे सहायक पे,कोई सड़क के लोगो पे।घर हो या दप्तर हो या हो सड़क,या फिर हो हॉस्पिटल,इन घटनाओं में; बस,एक ही बात समान है,निराशा या धौंस का शिकार,अधिकतर अपने से कमज़ोर ही होता है।किसका दोष है? क्या गलती है ?अभी खोजने का वक़्त नहीं है।अब दोषारोपण करना छोड़े हम।पहले तो हो रहे इस शोर को,शांत करना ज़रूरी है।इसमें तो अपनी आवाज़ भी,ठीक से सुन नहीं पा रहे हम,औरो की आवाज़ कहा सुन पाएंगे?देश को अगर उत्तम बनाना है,तब सबकों मिलकर साथ आना है,थोड़ी मानसिकता बदलनी है,अपने पहले सामने वाले के,बारे में सोचना है।अपने अधिकारों के पहले,सामनेवाले के हक़ का,ख्याल भी रखना है।किसीको हक़ नहीं कानून,अपने हाथ में लेनेका,यह हमे अब मानना है,और लोगो को भी समझाना है।अपने सामने होती किसी भी,घटना से आँखें फेर लेना,आदत सी जो बन गयी थी,अब उस आदत को ही,हमें बदलना है।मूक दर्शक बन सामने होते,अन्याय से कब तक नज़रे चुराएँगे,अब हमे औरो के लिए भी,आवाज़ उठानी सीखनी है।और मदद के लिए,आगे बढ़ साथ देना है।आज किसी और के साथ,अगर कुछ गलत हो रहा है,वह कल हमारे साथ भी,हो सकता है, यह सोच,अब सब में जगानी है।आए सब मिल कर,कोशिश करे हम,”मैं” से पहले,”हम” बन देखे हम,कुछ तो निकले,हल इस समस्या का,सबकी हो भागीदारी,क्योकि,सबकी है यह ज़िम्मेदारी। अनु महेश्वरीचेन्नई
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Stay ko sameten hue behad sundar soch yukt rachnaa……..
Thank you, Shishir ji…
सत्य कहा आपने अनु जी ……समस्या की सारी जड़ ही अहम् में बसी हुई है …. ‘मैं’ और ‘हम’ के मध्य में संपूर्ण सृष्टि समाई है …इन दोनों के मध्य नाम के लिए तो मात्र एक व्यंजन का फर्क है अपितु फासला इतना बड़ा है की सांसारिक जीवन में इसे कोई मिटा नही पाता या यूँ कहे की कोई मिटाना नही चाहता ..जो भी है ..आपका चिंतन यक़ीनन काबिले तारीफ़ है !
Thank You so much Nivatiya ji..
अनु जी, बहुत खूब ……….., , बेहद खूबसूरती से आपने समस्या और उसके समाधान का मार्ग सुझाया है।
Thank You, Meena ji…
bhut sahi kaha apne anu ji………….vartmaan samy me yahi ho raha hai………gajab.
Thank You, Madhu ji….
behad umda………..
Thank You, Sharmaji…
बेहतरीन निःशब्द कर दिया आपने।
Thank You, Ajay….
Bahut hi badiya………… Anu ji
Thank You, Kajal ji…
So true….n created so well
Thank you, Krishiv ji….