तेरी बगिया में मेरा क्या कामइसमें है सुन्दर फूलों की शान। ओस कहे मैं फूलों की हूँकलियों पर ही मैं इठलाऊँमेरे आँसू तप्त कणों सेइनको यहाँ कहाँ बरसाऊँ। तेरी बगिया है इक सुख की खानइसे कहाँ मेरे दुःख की पहचानतेरी बगिया में मेरा क्या कामइसमें है सुन्दर फूलों की शान। खुशबू है बस तेरी महिमापवन संग मधु गीत सुनातीमेरी आहें और निराशापीड़ा का दुःख दर्द सुनाती। तेरी बगिया का सुन्दर परिधानऔर कफन यह मेरा क्षूद्र समानतेरी बगिया में मेरा क्या कामइसमें है सुन्दर फूलों की शान। इसमें नीड़ों की ममता हैस्नेह भरा भ्रमरों का गुंजनमैं हूँ बस कैदी साँसों कासुनता हूँ बस अपना क्रन्दन। तेरी बगिया का शाश्वत अभिमानकाया मेरी नश्वरता की आनतेरी बगिया में मेरा क्या कामइसमें है सुन्दर फूलों की शान। मैंने चाहा बच्चों जैसाइस बगिया में खेलूँ दौडूँपर शैतान समझकर मुझकोवे सब भागे, मैं क्या बोलूं। वे छोटे नन्हें हैं सब नादानकैसे मैं उनको दे सकता ज्ञानतेरी बगिया में मेरा क्या कामइसमें है सुन्दर फूलों की शान। कुसुम कलियाँ सारी विकल हैंपाने तेरा अनुपम परागपर मेरी यह कलुषित कायाधुल कणों से रखे अनुराग। तेरी बगिया के हर कण में प्रानपर यह तन है माटी का अपमानतेरी बगिया में मेरा क्या कामइसमें है सुन्दर फूलों की शान।…. भूपेन्द्र कुमार दवे00000
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
जीवन की गूढ़ता से परिपूर्ण आपकी रचनात्मकता बहुत ही खूबसूरत है ………..अति सुन्दर
bahut sundar………..
sahi kaha apne …mai prakriti ke upadano ka kritgy rahti hu.
Bahut sundar……………. Dave ji