मेरे साथ घटने वाली,घटना अच्छी हो या बुरी,भगवान में मेरा विश्वास,कभी न डगमगा पायी।बल्कि मेरा तो विश्वासप्रबल हुआ है और भी।अच्छी घटना को मैंने,ईश्वर का प्रसाद माना,और बिना किसी दिखावे के,अपने जीवन में लिया अपना।बस और मज़बूत हुआ,मेरा और ईश्वर का रिश्ता।बुरी या दुखदाई घटना को,ईश्वर का कोई संकेत समझा,और भविष्य के लिए इसको,एक आभास देना, माना।जो मुझे संभलने का,दे रही और एक मौका।हम किसी भी परिस्थिति में,सहज तभी रह पाएंगे,जब दिल से अपना लेंगे,ईश्वर के अस्तित्व को।मैंने तो माना है दिल से,ईश्वर के अस्तित्व को। अनु महेश्वरीचेन्नई
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सकारात्मक सोच को दर्शाती रचना।
Thank you, Ajay….
सही कहा आपने मैम ईश्वर के चरन में ही सच्चा सुकून है….. सब उनका दिया उन्हें समर्पित………..
Thank You, Alka…
जिंदगी के हर पहलु को सकारात्मक से स्वीकारना इंसान के विजय पथ की प्रथम सीढ़ी होती है जो उसे मुकाम तक ले जाने में अहम् भूमिका अदा करती है….बधाई आपको ह्रदय के भावो को शब्दो में उतारने के लिए ……….!!
Thank You so much Nivatiya ji….
Bahut hi laajawaab rachna…………!.!
Thank You, Kajal ji…
Ati sundar Anu. Positive thoughts……..
Thank You, Shishir ji…
sahi kaha apne ………bhut sundar bhav………. anu ji….
Thank You, Madhu ji…
Anu ji , सकारात्मक सोच लिए अत्यंत सुंदर रचना।
Thank You, Meena ji…
अनुजी….आप ने वो सत्य कहा है जो राम बाण है….स्वीकार कर लेने प्रस्थिति को सबसे उत्तम उपाय है सही और सार्थक ज़िन्दगी का…..
Thank You, Sharma ji…