ऐ जिंदगी
बहुतो को तरसाया तूने बहुतो को रुलाया हैबड़ी मशरूफ और मगरूर है तू ऐ जिंदगीन जाने कितनो का दिल तूने दुखाया हैजरा ये भी बता दे कितनो को हँसाया है !!!न किसी को रुलाया है, न हँसाया है,मैंने तो बस अपना फर्ज निभाया हैजाने क्यों दोष देते है लोग मुझकोजिसने जैसा बोया फल वैसा पाया है !!!!!डी. के. निवातिया@@@
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
बेहतरीन….स्तब्ध, मुग्ध कर दिया बहुत खूब सर।
आपकी अप्रितम अमूल्य प्रतिक्रिया का हार्दिक धन्यवाद AJAY…!
bahut accha nivatiya ji..
आपकी अप्रितम अमूल्य प्रतिक्रिया का हार्दिक धन्यवाद SHIVDUTT…!
Bahut sundar….
आपकी अप्रितम अमूल्य प्रतिक्रिया का हार्दिक धन्यवाद ….ANU JI.
Beautiful……Well said….
आपकी अप्रितम अमूल्य प्रतिक्रिया का हार्दिक धन्यवाद ….SHISHIR JI
Bahut khoob ………………, Beautiful creation Nivatiya ji.
आपकी अप्रितम अमूल्य प्रतिक्रिया का हार्दिक धन्यवाद……MEENA JI.
Jeevan ke satya ko prakaashit karti…..lajawaab…
आपकी अप्रितम अमूल्य प्रतिक्रिया का हार्दिक धन्यवाद…..BABBU JI.
bhut khoob likha sir apne………….. bdiya…..
आपकी अप्रितम अमूल्य प्रतिक्रिया का हार्दिक धन्यवाद…. MADHU Ji.
अति सुन्दर…. ….बहुत ही अच्छी बात कही आपने….
क़ाबिले तारीफ़………. निवातिया जी |
आपकी अप्रितम अमूल्य प्रतिक्रिया का हार्दिक धन्यवाद…..KAJAL
आनंदित कर दिया आपकी रचना ने ……जीवन का सार समझा दिया बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
आपकी अप्रितम अमूल्य प्रतिक्रिया का हार्दिक धन्यवाद………..SHYAM TIWARI
लाजबाब साहब।
बहुत ही उम्दा, आनंदित कर गई आपकी रचना हमे
Awesome sir
आपकी अप्रितम अमूल्य प्रतिक्रिया का हार्दिक धन्यवाद…!!