बड़ा अच्छा लगता है
उगते सूरज की लालिमा को तकनाबैलो के गले में घंटी का बजनाडाल डाल चिड़ियों का फुदकनाकोमल लताओं पर पुष्पों का खिलनाझूमती शाखाओं पर पत्तियों का हिलनाझरने से बहती जलधारा का झरना अमवा की डारी पे कोयल का कूकना अरण्य में हिरणो का इधर से उधर विचरणा टक-टकी लगाये ये मनोहारी दृश्य देखनासचमुच ह्रदय को बड़ा अच्छा लगता है !!
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डी. के. निवातिया
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Bahut sundar Nivatiyaji…achha to lagta hai par shahar me mushkil hai yah Drishya …..
खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिये ह्रदय से धन्यवाद आपका अनु जी !!
Bahut khoob …… , Atyant sundar ….,Sachmuch bahut achchha lagta hai yun prakriti darshn.
मनमोहक अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद आपका मीना जी !!
Ye kahan swarg me le aae Nivatiya ji ……
हाहाहाहा …. यही तो हम लोगो का जीवन है शिशिर जी …….अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद आपका !!
Bahut hi Sundar
आपकी खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से धन्यवाद विवेक जी ………..आपसे गुजारिश है की महत्वपूर्ण लेख “समाज का आईना” को नजर कर अपने अमूल्य विचार अवश्य साझा करे !
क़ुदरत का बड़ा प्यारा चित्र खिंचा है आपने निवातीयाँ जी
आपकी खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से धन्यवाद किरण जी ………..आपसे गुजारिश है की महत्वपूर्ण लेख “समाज का आईना” को नजर कर अपने अमूल्य विचार अवश्य साझा करे !
bhut gajab nivatiya ji……….ye sare drishya mujhe bhi bhut bhate hai…….
प्रकृति का आनंद ही ऐसा है मधु जी किसे पसनद नहीं आएगा …….रचना के भाव आपको पसंद आये इसके लिए तहदिल से शुक्रिया ………..आपसे गुजारिश है की महत्वपूर्ण लेख “समाज का आईना” को नजर कर अपने अमूल्य विचार अवश्य साझा करे !
पाषाण से शहरों में और भाग दौड़ की ज़िन्दगी में सुकून और रूह को शान्ति देती रचना……..बेहद मनोहारी….कुदरत है ही ऐसी….शहरों के वन्य जीवन से अच्छा है कुदरती वन्यजीवन…..लाजवाब…….
सत्य कहा आपने बब्बू जी. ऐसे सुकून के पल जीवन के लिए स्वर्ग का अनुभव करा देते है …………आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया !!
लगता है आप समर वेकेशन खूब बढ़िया से मन रहे हैं. प्रकृति का अनुपम वर्णन.
हा हा हा ……..आप तो जानते ही एक लेखक या कवी कल्पनाओ में सृष्टि का भ्रमण कर लेता है कहीं जाने की आवश्यकता ही कहा पड़ती है …..आपकी खूबसूरत प्रतिक्रया का तहदिल से धन्यवाद विजय !!
Achhey to hain par bahut achhey hain…………. wah….
आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया BINDU JI !!
bahut hi achha likha hai apne .
Thank U Very MUCH ANJALI.
prakriti ka khoobsoorat chtran hai
Thank U very Much Raqimali
बेहतरीन रचना………… निवातिया जी
……….
बहुत बहुत धन्यवाद काजल जी आपका !
प्रकृति को देख उसका रसास्वादन करना मेड़िकल सायंस के अनुसार स्वस्थ मानसिकता को दर्शाता है, वर्ना चिंताग्रस्त को प्रकृति का यह सौन्दर्य दिखता ही कहां है?। आपकी रचना आपके स्वस्थ मानसिकता को दर्शाती है। बधाई।
उत्साहवर्धन करती आपकी अत्यंत सराहनीय प्रतिक्रिया के लिए ह्रदयतल से आभार द्वे जी …………..!!