होलीमना रहे हैं आज होली।रंगाते हुए धोती और चोली।रिस-राग त्याग कर देखो,भूल कर सब तीता बोली।होली है भाई होली है कहते,खाते पीते भंग के गोली।एक दूसरे को रंग अविर लगाते,महल हो या झोपड़ी खोली।हिन्दू मुश्लिम भी गले लग रहे हैं आज,कल चलाएंगे फिर एक दूसरे को गोली।आज होली है भाई होली हैहोली है भाई होली है!!22-03-2016
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अति सुन्दर …कटाक्ष के साथ बहुत खूब लिखा आपने !
श्रीमान डी. के. निवातिया जी नमस्कार,
बहुत दिन बाद इस साइट में पहुंचा. मुझे पता नहीं था की यह फिर से खुल गया. मैंने बहुत बार पिछले दिनों प्रयास किया था इसीलिए आपका प्रतिक्रया की जवाफ देना थोड़ा लेट हो गया इसके लिए क्षमा चाहता हूँ और आपका प्रतिक्रया के लिए बहुत-बहुत आभार प्रकट करता हूँ. नमस्कार !!
हरि पौडेल
Hariji….aap ka naam hi apne aap mein sab gun samete hai….bahut hi sundar kataaksh… steek….
श्रीमान babucm जी नमस्कार,
मै अपना युजर नेम अौर् पास् वर्ड भुल चुका था। आज फिर अचानक पुराना मेल चेक् करते करते फिर बहुत दिन बाद इस साइट में पहुंचा. मुझे पता नहीं था की यह फिर से खुल गया. मैंने बहुत बार पिछले दिनों प्रयास किया था इसीलिए आपका प्रतिक्रया की जवाफ देना थोड़ा लेट हो गया इसके लिए क्षमा चाहता हूँ और आपका प्रतिक्रया के लिए बहुत-बहुत आभार प्रकट करता हूँ. नमस्कार !!
हरि पौडेल
khoobsurat rachana hari ji……..apki.
meri kavita….. sima pe khda hai tu…..bhi padhe.
मैडम मधु जी नमस्कार,
मै अपना युजर नेम अौर् पास् वर्ड भुल चुका था। आज फिर अचानक पुराना मेल चेक् करते करते फिर बहुत दिन बाद इस साइट में पहुंचा. मुझे पता नहीं था की यह फिर से खुल गया. मैंने बहुत बार पिछले दिनों प्रयास किया था इसीलिए आपका प्रतिक्रया की जवाफ देना थोड़ा लेट हो गया इसके लिए क्षमा चाहता हूँ और आपका प्रतिक्रया के लिए बहुत-बहुत आभार प्रकट करता हूँ. नमस्कार !! अब मै आपकी कविता पडने जारहा हुँँ
हरि पौडेल