जो रिश्ते थे बनाए, वो टूट गये क्यूँ हाये। बेगाने तो बेगाने,अपने भी हुए पराये।धरती तो क्या, आसमान भी देख घबराये। जो रिश्ते थे बनाए, वो टूट गये क्यूँ हाये।जो ख्वाब थे सजाए, वो टूट गये क्यूँ हाये। जो कल तक थे अपने,वो आज हुए क्यूँ पराये।जो रिश्ते थे बनाए, वो टूट गये क्यूँ हाये। जिंदगी तो क्या, मौत भी देख घबराये।जो रिश्ते थे बनाए, वो टूट गये क्यूँ हाये। देख इस जग की सुंदरता, आसमान में तारे झिलमिलाऐ।धरती मां की सुंदरता देख,आसमान भी शरमाये। जो रिश्ते थे बनाए, वो टूट गये क्यूँ हाये।किया था साथ देने का वादा,वो आज दामन क्यूँ छुङाये। जो रिश्ते थे बनाए, वो टूट गये क्यूँ हाये।———-राकेश राठी———[email protected]
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
Kamaal Kar Diya Tiwaari Saahab Dil chhu gayi Kavita
खूबसूरत अभिव्यक्ति ………………….अति सुंदर ……………..!!
nice expression
sundar bhav hai …………rakesh ji………..
seema pe khda hai … kavita bhi padhkar apna vichar dijiye.
Khoobsoorat…….
Good expression of feelings…….
bhut sundar hai
plz read
संत खेले होली मधुवन में
Khubsurat rachna………….!