मैं पत्थर भी हूँ पानी भी, साहस की अगम कहानी भी |मैं सिंहद्वार भी रक्षक भी, मैं निर्मोही मैं भक्षक भी ||इतिहास बोलता है मेरा, मैं हूँ तरूवर की सी छाया |पर सत्य वाणी सिद्धि हेतु ,मैं अमिट काल मैं तक्षक भी ||मैं हूँ तो तेरा सर्वस्व यहाँ, मुझसे हीं तेरी ये काया है |मुझको तू फकत सैनिक ना समझ, सेना…. भारत का सरमाया है ||क्या कश्मीर कहाँ बस्तर, अरूणाचल का अक्साई चिन |हम नहीं जानते कुछ भी कहीं, भारत माता हैं सर्वागीण ||जमाना जमाने से जानता है मुझको, मैंने ना कभी तकरार किया |निज ख्याति प्राप्ति की लालच में, ना कभी किसी पर वार किया ||तुम मेरे देश की मिट्टी के ,नीरस कण से दिखाई पड़ते हो |जिस लहू ने है तुमको सींचा, तुम आज उन्ही से लड़ते हो ||थोथी प्रसिद्धि बस पाने को, व्याकुलता और व्यवधान ना बो |तुमसे उम्मीद बहुत हमको, निर्-अर्थक सब अरमान ना हो ||वाणी विवेक और संयम से, लबरेज धरा करना तुमको |सत्य शक्ति साहस और शौर्य, वीरों को अता करना तुमको ||फिर उठो चलो बाहें थामो, मातृभूमि सम्मान चुनो |कर लो संकल्प अदम्य शिला, भारत स्वाभिमान बुनो ||—————————————-आशीष कुमार झा धनबाद, झारखंड |मो. — 09534170632
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
Very nice …………..,
Thank you
👍 सुंदर
bahut khoob…………..
धन्यवाद |
खूबसूरत प्रेरक रचना !
धन्यवाद |
bhut hi khoobsurat rachana………………
Dhanyawaad aapka Madhu mam
nice kavita
plz read
संत खेले होली मधुवन में
Hmm effective