जमाने भर की खुशियों ने, रुसवा किया है मुझेगमो का ही साथ है,जिसने सम्भाल रखा है मुझे पल-दो-पल के लिए मेरी जिन्दगी में ख़ुशी थी आईमुझे न जाने क्या-क्या वो सपने थी दिखाई मै भी कितना नादान था,इस बात से अंजान था जो थी बेवफा की मूरत ,उसी का मै गुलाम था कर गई मुझसे वो बेवफाई,आँखों में मेरे आंसू भर आई फिर गम को मुझपे तरस आया,उसने मुझसे दिल लगाया मैंने न कभी चाहा उसे,पर उसने हर पल मेरा साथ निभाया खुदा ने जब मुझे बनाया होगा गम को मेरा हमसफ़र बनाया होगातभी जब रहू मै लोगो की महफिल में,या तन्हा अकेला गम ने मेरा हाथ न छोड़ा चाहे कोई भी हो बेला घोर अँधेरी बस्ती में जब साया भी मेरा मेरे साथ न थाउस अँधेरी बस्ती में भी एक गम ही मेरे साथ में थाअब गम को मान चुका हु अपना ख़ुशी हमसे प्यार करे हो गया है ये सपना अब गम ही मेरा हमदम है जो ये भी छोड़ जाये तो मुझको किस बात का गम है
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बहुत खूबसूरत विजय ..सकारात्मक विचारो का होना जिंदादिली की निशानी होती है ………..जिसने गमो को अपना मान लिया उसने जिंदगी पर विजय प्राप्त कर ली……!!
धन्यवाद सर ….बस यूँ ही हौसला हमारी आप बढ़ाते रहे|
bahut khoob………..
thanks for your words.
Behad khubsurat rachna…………..!
thanks kajal ji.
Sundar bhaav par Vijay rachnaa ko aur fine tune karo Jisse iska shilp aur achcha ho sake.
thanks sir.aapki bato par me dhyan dunga.
bhut badhiya ……………achha bhav hai vivek ji….
dhanyawad madhuji.