दर्द ही दर्द छुपा है ज़िन्दगी में ,खुशियाँ कहाँ से ढूंढ लाऊं?गम की गठरियाँ हर किसी के पास ,किससे अपना गम बदल लाऊं ?झांकता हूँ जिसकी भी आँखों में ,बस आंसू ही मैं पाऊं ,अंधेरो से घिरा हर किसी को पाऊं,है नहीं आग ,चिराग मैं कहाँ से जला लाऊं?किसके हिस्से की खुशियाँ मैं आज उधार मान लाऊं ?भटका हुआ हर मुसाफिर ,राह कहाँ से मैं निकाल लाऊं?पत्थर की इस मूरत में दर्शन तेरे कहाँ से कर पाऊं? काज़ल की इस कोठरी में ,अपने दाग कहाँ छुपाऊँ?दानवो की इस बस्ती में इंसान कहाँ से ढूंढ लाऊं?दिखता नहीं कोई घर मदद जहां मान पाऊं?गन की गठरियाँ हर किसी के पास किससे अपना गम बदल लाऊं?
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
Nice expression. Take care of typo errors for better readability.
Bahut bahut hi khubsurat ….. Bahut sari sachhi baat likhi hai… Aapne
Khoobsoorat…….