सुहाना सा सफ़र है मेरी किस्मतऐसा लगता है मानो मिल गई है जननतकोई आरज़ू अब बाकी नहीं हैहर ख़ुशी ने दी है दस्तकखुदा लफ़्जॊ मे क्या बयां करू उसेजिसकी तारीफों मे भरे है सारे काग़जआसमान का यह खुलापनमोहब्बत की हवाएआ तुझे छुपालू मे चाँद के भीतर ओढ़नी मेसितारों की बरात मेभीगी भीगी बारिशे हैमहकी महकी फ़िज़ाय हैइस खुबसूरत पल मे तुझे समेट लू बाहों मेअब तो करीब आजाइंतज़ार मेरा ये ख़त्म कर जामेरे मौला ऐसी किस्मत दी हैआजा तेरा रूप बदल दूमेरी तकदीर तेरे माथे पर लिख दू
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khoobsurat………………….. sabnam ji………..
Thanks mam…
Khoobsoorat prem bhaavnaae shabnam ………..
Thanks a lot sir
Bahut hi khubsurat………….
Thank you mam
bhav bahut khubsurat hai …..lay aur shabd sanyojan par dhayn de to rachna me sundrta aayegi
Ji sir jrur koshish kr rh hu
Shabnamji……बहुत ही प्यारे भाव हैं……निवतियाजी ने सही कहा है….ये रचना लय से और सुन्दर हो सकती है….