वो जो गज़ले कदम से दस्तक दी जाने क्यों दहसत सी मच गई घबराहट बढ़ी, चैन छीन गई जाने क्यों दहसत सी मच गईवो काले कपड़े में कोहिनूर सा बदन घबराहट भी थी, बेचैन मेरे नयन जाने कैसी बहार सी आ गयी थी घबराहट थी, फिर भी कुछ कह रहा था मन उसकी बातों से शबाब बरस रहा था मेरा मन मोड़ सा थिरक रहा था उसकी आँखें गुलाबी रंगों में रम गई थी जब नजरें झुका के कुछ कह रही थी कहा जो मैंने आँखें क्यों आपकी नम है?कही, क्या लगता है मन मेरा इतना कमज़ोर है खुद से लड़ते हुए कुछ कह रही थी ना जाने क्या-क्या सह रही थी जब आयी उसके रुखसार पर मुस्कान तब आयी मेरी जान-में-जान वो कही, हमारे बीच कुछ भी नहीं है बस दोस्ती है हमारी पहचान मैंने अपने अंतर्मन में कहा कुछ तो है दरम्यां, और वो मेज पर रख गयी उपहार मेरा मन बाग-बाग बन गया गुलज़ार।
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
bahut khoob…….tankan ki ashudhiyon ko theek karein to or achha lagegi rachna…….
सर कहाँ टंकन संबंधी त्रुटि है सुझाव दें।
doing well Sanjeev……….pls. consider BABBU Ji advice……….!
सुझाव के लिए धन्यवाद!