अरे दूर-दूर तूं जाकर अपने सपने देख है पाया,जगह-जगह तूं जाकर अलग-अलग पत्थर है ला पाया,लोग कूड़ा कर्कट फेंक है देते, उसे उठा तूं है लाया,तराश कर कूड़े कर्कट को, अपने सपने तूं है पूरे कर पाया,इकटठा कर सामान तूं किसी का कान तो किसी का मुँह है बना पाया,कूड़ा कर्कट इकटठा कर तू ही तो पंछी है उड़ा पाया,अपनी इच्छा शक्ति से तूं, अपनी कला है दिखा पाया,अपनी कला के अंश को तू रॉक गार्डन का नाम दे आया,और चंडीगढ़ को एक है अपनी सोगात दे आया,और भारत देश का पूरे संसार में नाम चंमकाया,पदमश्री सम्मान दे भारत ने है तेरी कला का मान बढ़ाया,इसलिए पूरे संसार में तूं नेकचंद कहलाया, और दूसरो के लिए सपने सजाने का सामान है तूं लाया, 90 बर्षो की मेहनत को तूं है सामने लाया,इसलिए गुरसेवक सिंह अपनी कविता से तुझको श्रधांजलि है दे पाया, और लोगों के लिए नेकचंद जी का है उदेश्या है लाया !- Gursevak singh pawar jakhal
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
nice veer……thoda ja swar ke likho veer……………………………….
sundar…………..