कभी कोई वक़्त पे सम्हलता हैं ..तो किसी के हाथ से वक़्त फिसलता हैं …कब , कहाँ , कैसे वक़्त गुज़रता हैं ..पता ही नहीं चलता हैं ..कभी कोई वक़्त पे खुशियां पाता हैं ..तो कोई खुशियो के लिए वक़्त चुनता हैं …कब , कहाँ , कैसे वक़्त गुज़रता हैं ..पता ही नहीं चलता हैं ..वक़्त ही इंसान को अमीर या तो ,फ़क़ीर बना जाता हैं …हर माथे पे वक़्त तकदीर की लकीर खीच जाता हैं …कब , कहाँ , कैसे वक़्त गुज़रता हैं ..पता ही नहीं चलता हैं ..ज़माना धोती -कुर्ते से जीन्स – टी -शर्ट में बदल जाता हैं ..शिक्षा का पहनावा गुरुकुल से ऊँची -ऊँची इमारतों में ढल जाता हैं ..कब , कहाँ , कैसे वक़्त गुज़रता हैं ..पता ही नहीं चलता हैं ..कल तक जो ऊँगली पकड़कर हमे चलाया करते थे ..आज वो हाथ का सहारा मांगते हैं ..कुछ को वो हाथ मिल जाते हैं …तो कुछ लाठी पर “आश्रित ” हो जाते हैं ..इस लंबे वक़्त के सफर में सिर्फ वक़्त नहींरिश्ते भी बदल जाते हैं …ऐसे ही वक़्त गुज़र जाता हैं …पता ही नहीं चलता हैं …
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
Beautifully written. Flow of sentiments has come out well.
Bahut hi sachchi baatey likhi hai aapne…………… Beautiful….
bahut khoobsoorat…………
sahi kaha apne…………………………
nicely written with beautiful ideas …………….!!
Thanks to all…
Beautiful…………………………………………
thank you.. sir