छाया है तिमिरचारो औरउदासीनता हैजीवन मेंकही ग़म है तोकही खुशियाँ हैकभी है धूप तोकभी है छाँवबीता जाता हैये जीवन
जब जब मेंखंगेलु जिंदगी केपूर्व पन्नो कोआती है यादेउमड़ उमड़ करजब जब सांसेलगती है थमनेचमकता है प्रकाशयादो काबीता जाता हैये जीवन
उड़ रहा है समयपंख लगा करन पड़ाव हैन विश्राम हैहारेगा हर कोईउसके सम्मुखबलवान है समयमहान है वोजो नाप पाएउसकी रफ़्तारबीता जाता हैये जीवन
रुकावटें है कईपथ के उद्गम मेंबढ़ जाता हैपृथक करकेलक्ष्य है पानामंजिल कोबीता जाता हैये जीवन
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bahut acchi kavita hai. share karne ke liye dhanyvaad!
thk sirji………………….!
sumitji…… एक तो आप टंकण की अशुद्धियों की तरफ ध्यान दो….दूसरा आप अपने लिखे को दुबारा शायद नहीं पढ़ते….कुछ शब्द ऐसे हैं जो आप प्रयोग करते हो…उनका वहां मतलब नहीं बनता…जैसे इसमें आपने अग्रिम…परम…प्रयोग किया है…अग्रिम का मतलब जो आगे है…या आगे आने वाला…या जो हमसे उत्तम है गुण में….
sir thk
but again i have read my poem
in this poem i use some parayvachi of महान=परम, अग्रिम=पूर्व ,अतीत
in word ko use kiya tha.
next time i will check all word.
Sumitji…..मुझे नहीं पता की अग्रिम को ‘अतीत’ के लिए प्रयोग करते हैं….आप ने अब ‘पूर्व पन्नों’ लिखा वह उपयुक्त है… रही बात ‘परम’ की… परम शब्द मेरे हिसाब से एक ऐसे गुण को इंगित करता जो किसी शारीरिक क्षमता से नहीं जुड़ा है…बल्कि भावनाओं का सम्प्रेषण या अनुभव या बोध से है….और बहुत ही सात्विक एवम पवित्र शब्द है….जैसे हम बोलते की हमारा परम सौभाग्य है आपके दर्शन हुए….या हमारा परम कर्त्तव्य है की अपनी माँ बाप की सेवा भगवान् की सेवा समझें….या आप का परम ज्ञान मुझे भी भी लाभान्वित कर रहा है…. अन्यथा मत लीजियेगा कृपया…ज़रूरी नहीं मैं सही हूँ…बस विचार दिए हैं….
Summitji….और यह बता दूं.. आपने प्रायवाची में जो अग्रिम का पूर्व लिखा देखा यहाँ से भी…. उसका मतलब है की समय से पूर्व भुगतान करना या होना…अतीत नहीं होता की पूर्व में हुआ हो…..
nahi sir ap to mere ko guide ker rahe hai
ap mera se bade hai aur pujaniya hai
ap ke vichar hi to important hai.
sir me bhi ek techer hu college me student mujha se kai question kerte rahte hai unka javab dene padatha hai,
usi tera yha me apka ka student hi hu.
bas ap meri asihi choti choti galti batate jaye jisa se me improve ker sakute
likawat me
Very Nice ………………आपकी रचना में भाव सम्प्रेषण अच्छा है। ….. तारम्यता पर थोड़े काम की आवश्यकता है ! …बब्बू जी की सलाह सराहनीय है, गौर करे !