नए साल कीपहली किरणबेरंग निशा केतिमिर को चीरती हुईदेदीप्यमान कर देगीजीवन के नविन सफर कोतेज होगई है धड़कनमच गई है हलचलचारो ओर है शोर ओ ग़ुलउड़ गई है मेरी नींदखोगया है चैन मेरावक्त बढ़ रहा है धीरे धीरेदस्तक दी उसने दहलीज़ पेआग़ाज़ हुआ नए साल काअभिनंदन हे नए साल तुम्हारानए सवेरे का नए साल मेंशत-शत नमस्कार हैनए युग का आगाज हैये नई सोच के साथसफर पर नव्य पगडण्डी केदृढ़ संकल्प नव्य ग्रहण करेऊर्जा करो नव्य अभिगृहीतखुशी के नव्य रंग भरो जीवन मेंज्ञान और विज्ञान से उन्नत करोअंधश्रद्धा को निकाल फेको जड़ सेपुनर्निर्माण करो भारत देश काधारण करो धर्म के संस्कार कोबनाओ देश और समाज को उन्नतइच्छाओं के शीर्ष उड़ान परपरिपूर्ण हो हर कामना मेरीहर ख़ुशी आपके कदम चूमेहम तो यही दुआ करते हैनया साल आपका शुभ हो।
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kitna sundar bhav…… sumit ji……
bahut hi उत्तम रचना
नया साल आपके लिये
बडा जोरदार हो
आपके साथ छोटो बडो
का साथ हो
ये दुआ है मेरी रब से
आपका आने वाला हर
साल मे खुशियो का
अंबार हो
krishan saini
Very nice sumit …..its better to read another & share your veiws !!
Sunder bhavon men rachit…………………………… नववर्ष सभी के लिए मंगलमय हो.
गुरु गोविन्द सिंह के ३५०वें प्रकाश पर्व पर “गुरु गोविन्द सिंह चालीसा” प्रकाशित की है कृपया पढ़ें और अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया दें.