(इमेज पढने में दिक्कत हो तो ब्लॉग पर जाएँ)विजय कुमार सिंहvijaykumarsinghblog.wordpress.com
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Vijay bahut utkrasht Kary. Aap is rachnaa ke lie badhai ke paatr hain.. Aapki lekhni par guru kripaa bani rahe.
आपकी सुंदर और अनमोल प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से आभार.
great
आपकी यह रचना वाकई अद्भुत है
मै तो यह कहुंगा की यह अद्वितिय है जो संसार मै कभी-कभी ही रचित होती है
आपको बधाई
ऐसा पुण्य कार्य चालू रखे
आपकी सुंदर और अनमोल प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद.
sir ye apne likha hai……………..nice….
आपकी प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद. अगर आप मेरे ब्लॉग पर जाकर अथवा इसी साइट पर मेरी अन्य रचनाओं को पढ़ेंगी तो आपके मन का संशय दूर हो जाएगा.
Superb …job…………..अद्भुत सृजन विजय….आपकी काबलियत का अनूठा प्रमाण ………..आपकी इस रचनात्मकता के लिये आकाश भर बधाई !!
आपकी सुंदर और अनमोल प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से आभार.
Vijay ji , अति उत्तम …….., अनुपम कृति ………,
आपकी सुंदर और अनमोल प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से आभार. इस कृति को उचित स्थान दिलाने के लिए आपसबके सहयोग की जरुरत है.
Vijay ji…….निशब्द हूँ मैं आपकी इस कृति की प्रशंसा में…. गुरु गोबिंद सिंह जी के चरणों में आपने जो श्रद्धा सुमन अर्पण किये हैं……उनका आशीर्वाद हमेशा आप पे बना रहे….गुरु साहिब के चरणों में प्रणाम करते हुए उनके गुणगान करती इस कला को आपकी लेखनी को नमन….. बहुत बहुत बधाई प्रकाश पर्व की और आपको लेखन की…..जय हो….मैं आपकी रचना दोस्तों से शेयर कर रहा हूँ……
आपकी सराहनीय प्रतिक्रिया और उत्साहवर्धन के लिए ह्रदय से नमन. रचना मित्रों में शेयर करने के लिए आपको पुनः ह्रदय से नमन.
It’s beautiful Vijay ji…
आपकी सुंदर और अनमोल प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से आभार.
Atyant sunder rachana sir………………guruparv mubarak
आपकी सुंदर और अनमोल प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद.
Beautiful creation…………………………….Yaadgaar rachana………….
आपकी सुंदर और अनमोल प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद.
Beautiful and beautiful
आपकी सुंदर और अनमोल प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से आभार.
Beautiful…………३५०वे गुरुपर्व पर बहुत ही सुंदर रचना लिखी विजय जी. बधाई.
आपकी सुंदर और अनमोल प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद.
wah sir sir ….bahut hi accha laga……apko bhi bahut bahut bhadai….sir ek nivedan hai ki aap chliasa ki jagah koi aur word use kare to aur bhi behtar hoga……….dhanywad apka iss rachna ko likhne ke liye……….
आपकी सुंदर और अनमोल प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद. मैंने दुर्गा चालीसा, हनुमान चालीसा के आधार पर ही चालीसा शब्द लिखा. चालीसा से अभिप्राय ये है की चालीस चौपाइयों में लिखा गया है. आपके हिसाब से और क्या उपयुक्त शब्द हो सकता है. पंजाबी का ज्ञान मुझे नहीं है अन्यथा पंजाबी में भी लिखता तो रचना ज्यादा गुरु भक्तों तक पहुंचती.
sir aap guru gobind singh ki mahan gatha kar ke dekhiye…….chalisa se aap ka abhi parya mein apka samjhta hu…..par isse nivedan samjhe sir…….
आप पुनः एक बार नजर करें.
Bahut sunder rachna sir…
आपकी सुंदर और अनमोल प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद.