कुछ तो बात है जो गुमसुम हो,राज-ए-दिल कभी खोला करो,दिल ऐ हालात नही तो न सही,अपने लबो से तो कुछ बोला करो… !!!!डी. के. निवातिया [email protected]
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sundar panktiya……………..
Many Many Thanks MAdhu Ji….!!
sunder nivaatiya sir……
Many Many Thanks MANI….!!
राज-ए-दिल kese khole, use to dil me rehne do.
very nice line
Many Many Thanks SUMIT JAIN ….!!
Heart touching lines……
Many Many Thanks SHyam….!!
Nice lines Nivatiya ji …..
Very nice……..
Many Many Thanks ANU Ji….!!
Sir………बहुत खूबसूरत……..क्या बात है…नए साल में शुरू में ही गुमसुम क्यूँ रहे…बिलकुल ठीक कहा बोलने को… और हम भी बोल रहे शिकायत कर रहे हैं… टीचर उस बच्चे की स्टडी की तरफ ज्यादा ध्यान देता जो क्लास में सबसे कमज़ोर होता है…ताकि वो फेल हो के टीचर का रिजल्ट न खराब कर दे….आप ने सब की रचनाएं पढ़ी…हमारी हाल-ऐ-दिल का कसूर क्या है… हमें अपनी चिंता नहीं आपके रिजल्ट की चिंता है… हा हा हा……
Many Many Thanks BABBU Ji….आपकी अनूठी प्रतिक्रिया का ह्रदय को सदैव प्रतीक्षा रहती है …….आपकी शिकायत सौ फीस दी सत्य है और संज्ञान में ले ली गयी है ……चूक हो जाने के लिये क्षमा प्रार्थी है ….शेष सन्देश उक्त रचना पर प्रकाशित कर दिया गया है नजर करे…!! तहदिल से शुक्रिया आपका !!
Sir…….. आप माफ़ी की बात करके शर्मिंदा करते हैं….सच तो यह है की आपके मार्गदर्शन की इच्छा हेतु आपसे अनुरोध करता हूँ मैं…हाँ मेरा अंदाज़ थोड़ा अपने जैसा ही है….बस…
Behat khubsurat…………………………..
Many Many Thanks Vijay……!!
Bahut khoob ……, Ati sundar….. ,
Many Many Thanks MEENA JI……!!