सच कहता हूँ मैं
मेरी बात पर गौर करो
बुरी संगत में पड़कर
न अपने आप को बर्बाद करो ।
भूल चुके हो अपने आप को
कि कौन हूँ मैं
अरे ! इन्सान हो
इन्सानियत पर न वार करो ।
मनुज है तू
असंवेदित प्राणी नहीं
क्या सो गया है तेरा जमीर
तेरी आँखों में पानी नहीं ।
जिस राह पर तू चल रहा है
सीना तानकर
क्या जानता है
तुझे ये ले जायेगा
किस मोड़ पर,
इसलिए …सच कहता हूँ
मेरी बात पर गौर करो
इन्सान हो
इन्सानियत पर न वार करो ।।
– आनन्द कुमार
हरदोई (उत्तर प्रदेश)
Sundar bhaavyukt rachnaa ……
Thanks! “Madhukar” ji. ….
bhut sundar bhav anandnand ji…..
Thanks !!!! Mam…..
bahut khoosoorat……….
Thanks! !! Babbu ji. ….
sunder bhav sir…….
Thanks !! “Mani” ji. ….
Beautiful creation Anand…..!!
Thanks !!!! “D. K” sir. …..