स्वभाविक सा…सहज सा है…आशा विश्वास का मेल….बच्चा माँ बाप का हाथ पकड़ चलता है…गाड़ियों की भीड़ में से…डर नहीं उसे…विश्वास के रूप में माँ और बाप हैं साथ…अंतर्मन की आवाज़ से चलता है…आशा-विश्वास की…जो जन्म से मिली है…प्रविर्ती है हमारी…जब हम अपनी प्रविर्ती से…प्रकिर्ति से उलट जाते हैं…तभी असहज होते हैं…अपने से दूर होते हैं हम…रोज़ की भागदोड़…संगी साथी…हमारे भाव…कर्म…ये भागती गाड़ियों की भीड़ ही तो है हमारी ज़िन्दगी में…पर हम बच्चे की तरह सहज नहीं हो पाते…हम न बच्चों में हैं न बड़ों में….न किसी को उंगली विश्वास में थमा रहे…न ही अपनी थाम रहे…द्वन्द अजीब सा मन में…अहम का या वहम का…कारण कुछ भी हो…पर नुक्सान तो सिर्फ हमारा ही है…जी नहीं पा रहे हैं हम….जीने के लिए आशा जीवित रहनी ज़रूरी है…उंगली थामनी ही होगी…आशा की…अपने ही विश्वास की…जो भीतर है हमारे साथ जन्म से ही……वह तो इंतज़ार में है हमारी…आओ आलिंगन करें उसका…वो आह्वान करती है हमारा…आओ अपनाएं उसे…दूसरों के सहारे को छोड़…खुद पे भरोसा करें…अपनी ज़िन्दगी खुद बनाएं…खुद ही संवारें…\/सी. एम्. शर्मा (बब्बू)
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Behad sundar rachnaa Babbu ji ……..
बहुत बहुत आभार आपका….मधुकरजी……….
Bahut hi Sundar rachna, Sharma ji….
बहुत बहुत आभार आपका….अनुजी…..
Beautiful………………………………
बहुत बहुत आभार आपका….विजय जी…..
Beautiful babbu ji …….जीवन की गूढता को सरल भाव में स्पष्टीकरण इससे बेहतर और क्या हो सकता है ……..आपकी विचार शीलता बहुत उम्दा है ।।
आपको पसंद आयी….तहदिल आभार आपका….निवतियांजी…
Sharma ji , शत -शत नमन आपके चिन्तन और उसकी व्याख्या को .अति सुन्दर रचना .
मीनाजी…आप जैसे गुणीजन की प्रतिकिर्याओं से ऊर्जा ही नहीं मिलती बल्कि मार्गदर्शन भी मिलता है…आप की प्रशंसा का तहदिल आभार…आप को भी कोटि कोटि नमन….
slam apko sir…..asse hi apki klam apki chalti rahe…….bahut hi umda sir……
बहुत बहुत आभार आपका…हमारी भी दुआ है…आपकी कलम दिन दुगनी रात चौगिनी तरक्की करे…….Mani ji….
superior view …..for about life event ..
absolutely nice….
बहुत बहुत आभार आपका…aalokji………