तेरे चरणों में जब आती हूँमैं चैन मन का पाती हूँदुनिया मनभावन लाख सहीभरोसा इस पर ज़रा नहींरंग हैं इसके बड़े निरालेतन को मन को लुभाने वालेपर काली काली भाए मुझकोजितना भी मन शोर मचालेकह दो कान्हा तुम दूर नहींतुम सब हो सकते हो पर मजबूर नहींदुनिया रंगों से भर दी तूनेबसी ख़ुशबू हर रंग में तेरीरंग प्यार का बड़ा निरालारहे उसमें भी हेरा फेरीजब मोह भँवर में फँस जाता हैइंसान क्या२ सह जाता हैआशा और निराशा मेंहर पल उसका बह जाता हैकुछ पाता है कुछ खोता हैमजबूरी हर वो सह जाता हैजीवन कभी बहुत भाता हैमानो चाँद सितारे पा जाता हैकभी पल ऐसा भी आता हैछीन सब ले जाता हैअब तुम ही बताओ कान्हा प्यारेक्या है सच और झूठा क्या हैबंद पलकों में सुंदर सपनेसंजोते हैं तो लगते हैं अपनेखुल जाती है आँख ज़रा तोजाने कहाँ वो खो जाते हैंयह दुनिया तो है माया जालजीवन जैसा भी हो ,ढो लेते हैंचरणों में अब तो लेलो कान्हाचैन मन को दे दो कान्हाअब तुम ही बताओ कान्हा प्यारेक्या है सच और झूठा क्या है
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Behad sundar daarshnik rachnaa Kiran jee . Man ko chootee hai .
शिशिर जी बहुत२ धन्यवाद
बहुत खूब मन की उहापोह को शब्द दिए हैं आपने…..बेहद बेहद मनमोहक…..
बाबू जी बहुत२धन्यवाद
बहुत खूब…………….., अन्तर्द्वन्द को बहुत अच्छे से प्रकट किया है आपने.
विजय जी बहुत २ धन्यवाद
यथार्थ का विश्लेषण करती खूबसूरत रचनात्मकता !!
निवातीयाँ जी सराहना के लिए बहुत२ धन्यवाद
Bahut sunder Kiranji……
अनु जी बहुत २ धन्यवाद
जीवन की सार्थक्ता को दिखाने वाली रचना
किशन जी बहुत २ धन्यवाद
कृष्ण जी बहुत २धन्यावाद
Bahut sundar rachana Kiran ji.
मीना जी बहुत २ धन्यावाद