ख्यालो में गुजरने है लगी हर शब |सनम पल पल संवरने है लगी हर शब ||जुदाई अब, सही जाये न ऐ बालम |बिना तेरे, तरसने है लगी हर शब ||गया था मुस्कुराता छोड़ कर मुझ को |उसी पल पर गुजरने है लगी हर शब ||किया था तुम ने वादा साथ चलने का |उसी वादे में जलने है लगी हर शब ||शिकायत है नहीं तुझसे “मनी” कोई |तेरी यादों में कटने है लगी हर शब ||मनिंदर सिंह “मनी”
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अति सुन्दर मनी……………….!!
तहे दिल आभार सर आपका इस सरहाना के लिए…………..
Very nice creation Mani ji.
thank you so much meena ji ………………….
Beautiful………….
thank you so much shishir sir………………
बहुत अछी कविता ,,,,,,,,,,,,,
बहुत बहुत शुक्रिया आपका किरण जी……
बहुत ही सुंदर………………….
तहे दिल धन्यवाद विजय जी आपका….
बहुत सुंदर……..आजकल मैं ही लेट हो जाता हूँ☺
आप आये बहार लाये,
शुक्रिया आपका,
आप अपने संग,
मुस्कुराती खुशिया लाये……धन्यवाद सर आपका बहुत बहुत…..