हवाएं चल रही ठंडी ना मुझको नींद आती है तेरी दीद की चाहत ही बस हर पल सताती हैअगर यूँ रूठ जाना था तो तुम पास क्यों आए गहरा दर्द होता है जो कोई चुप रह के तड़पाएवस्ल के वो सभी वादे फ़िर से याद तुम कर लोभूलकर खौफ सब बस मुझे आगोश में भर लो. शिशिर मधुकर
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वाह…क्या बात है….बेहद ही खूबसूरत….शायराना अंदाज़ ……
Hearty thanks Babbu ji ……….
बहुत सुंदर विरह वेदना.
Thank you Vijay ………
lovely…………………..!!
Thanks Nivatiya ji ………