अच्छा हो,या बुरा, सही गलत का कौन यहां जिम्मेदार हैजिस रहबर का उठाओ नकाब दीखता वो ही गुनेहगार हैव्यस्त है सभी के सभी अपने नुक्स सवारने – तरासने मेंहै गर जज्बा तो भर हुंकार दुःख-दर्द में कौन हिस्सेदार है !!!!!डी. के. निवातियाँ [email protected]@@
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सत्यपरक रचना…………………….
तहदिल से शुक्रिया आपका …………….!!
very true words……………….
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यथार्थ आधारित सुन्दर सृजन !!
तहदिल से शुक्रिया आपका …………….!!
Very true……..
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Beautifully expressed ……
तहदिल से शुक्रिया आपका …………….!!
ठीक कहते हैं आप सुंदर रचना
तहदिल से शुक्रिया आपका …………….!!
यथार्थ से परिपूर्ण……..बेहद खूबसूरत……..
तहदिल से शुक्रिया आपका …………….!!