परसों जब से मोदी जी ने ,पांच सौ और हजार के नोटों को ,रद्द करने का फरमान जारी किया है ,लोग एक ब एक गरीब नजर आने लगें हैं ,केवल मुझको छोड़ कर क्योकि ,आज मैं काफी अमीर हूँ।कारण है मेरे रंग बिरंगे बैग ,आप सोच रहे होंगे कि ,कल तक जिन बैग में मुझे ,बुराई ही बुराई नजर आती थी ,आज उनके गुणगान कैसे कर रहीं हूँ।तो जब कभी दोस्त या निकट संबंधी ,कहीं देश विदेश घूमने जाता है ,तो उनके पूछने पर मैं हैण्ड बैग ,या पर्स की ही फरमाइश करतीं हूँ ,जिसका नतीजा है मेरे पास दर्जनों,अलग अलग रंग और आकार के बैग्स हैं ।तो जब कभी भी मैं बाहर निकलतीं हूँ ,अपने कपड़ों से मैचिंग बैग निकाल लेती हूँ ,और दो तीन सौ के कुछ चिल्लर ,उस बैग में जरूर डाल देती हूँ रास्ते में ,ठेले पर मिलने वाले अमरुद या ,मूँगफली खरीदने के लिए ।इस तरह मैं अपने सारे बैग्स को खगालूँ ,तो मैं अच्छी खासी अमीर हो सकती हूँ ,अभी तो मैंने आधे भी नहीं देखे,हैं ,जाड़े के कोट और स्वेटर के पाकेट्स ,भी तो अभी बाकी है ,हाँ इसीलिए ,आज की तारीख में ,मैं काफी अमीर हूँ।
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Nice humour with a tint of reality.
Thanks Shishir Ji for your nice comments . But it is really my reality and
you people can derive humour in it.
बहुत खूब…….सोच का जवाब नहीं….सही कहती आप सब गरीब हो गए बड़े बड़े नोट वाले……पल में ही…..
बहुत बहुत धन्यवाद बब्बू जी आपकी सूंदर प्रतिक्रिया के लिए।
Wah wah… manjusha ji… Bahut hi badiya????
Many many thanks Swati.
बहुत खूबसूरत मञ्जूषा जी ………………….!!
Thanks D.K. ji.