मिटे अँधेरा अन्तर्मन का शुभ्र-प्रकाश हो जीवन में, सुख समृद्धि और शांति रहे हमेशा आँगन में। ज्ञान-विवेक-प्रकाश से हरा-भरा जन-मन हो,मिटे बुराई-ईर्ष्या-नफरत राम-लखन-सा मन हो। सपने सबके सब सच होंअधरों पर हों हर्ष गान,करे तरक्की देश हमाराजग में हो उसका मान।सरहद पर सरगम का सुर हों आपस में हो भाईचारा। मान बढ़े मानवता का अधरों पर जयगान हमारा। काम करें ऐसा जग में साथ हमेशा नारायण हों,अबकी ऐसा दीप जलाएँपुलकित सबके तन-मन हों।डॉ. विवेक कुमारतेली पाड़ा मार्ग, दुमका-814 101(c) सर्वाधिकार सुरक्षित।
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बहुत प्यारी…सुन्दर कामना…..भगवान् आपकी कामना पूरी करे………..
बहुत अच्छे…..
आपका हार्दिक आभार babucm जी।
आपका हार्दिक आभार Markand Dave जी।
beautiful sentiments ……………
bahut sunder bhav apke dil ke…………….very nice sir……………….
आपका हार्दिक आभार Shishir “Madhukar jee
आपका हार्दिक आभार Mani jee.
Very nice Vivekji…..
सकारात्मक भावो को प्रस्तुत करती खूबसूरत रचना …………अति सुदर विवेक जी !!
आपका हार्दिक आभार निवातियाँ जी।
Very very nice poetry.. vivek ji????
बहुत बहुत आभार स्वाति जी।
खूबसूरत रचना ………… विवेक जी
बहुत बहुत आभार मनोज जी।