भगवन अब तो आओ इस धरती पर,घोर कलयुग फिर से आया है,एक माँ ने ही अपने बेटे के,पीठ पर वार कराया है,जिस बेटे ने पूजा था माँ को,उस माँ ने ही विश्वास का,गला आज दबाया है,माँ ने बेटी के साथ मिलकर,एक गन्दा खेल रचाया है,एक माँ ने बेटे को,तो बहन ने छल से भाई को,दुःख का नीर पिलाया है,पैसे और मकान के लालच में,पवित्र रिश्ते को दांव पर लगाया है,अब से पहले सिर्फ सुना यही था,कि पूत कपूत सुने बहुत है,पर माता नहीं होती है कुमाता,पर इस कलयुग में कुछ माँओं ने,इस कहावत को असत्य बनाया है,अपने ही खून से दगा किया है,और बेटे को खून के आँसू रुलाया है,भगवन अब तो आओ इस धरती पर,घोर कलयुग फिर से आया है,By:Dr Swati Gupta
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very true ………………………..
Thanks a lot sir
सही कहा आपने….मार्मिक रचना……..
Thanks a lot sir…..
It’s the reality of the life. well written.
Many many thanks vivek ji
Very true…..lekin bhagwan bhi dara Hua hai intne bhagwan dharti par dekh kar…..hahahahaha
?????..sahi hai sir!!!
बहुत सुन्दर…आदरणीया
Thanks a lot abhishek ji????
यथार्थ भावो से सजी सुंदर रचना ……………..!!
Many many thanks to you sir!!!
सुंदर रचना …………….स्वाति जी