सीना ताने खड़ा रहूँ, हर पल दुश्मन हो निशाना अंत घडी जाये प्राण, लबो पे हो जयहिंद का नारा चाह नही मुझे किसी, धन दौलत या शोहरत की देश सेवा में लगा रहूँ सरहद पर हो मेरा ठिकाना ।।।।।डी के निवातिया_____।।।
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वाह ! निवितिया साहब सही कहा सच्चे देश भगत की जुबान से यही शब्द निकलते है l बहुत खूब
अमूल्य प्रतिक्रिया के तहदिल से शुक्रिया आपका !!
feelings of a true soldier. nice write Nivatiya ji
अमूल्य प्रतिक्रिया के तहदिल से शुक्रिया आपका !!
बहुत ही लाजवाब……….. निवातिया जी लगता है ठिकाना की सेंचुरी बनानी है आपको…….. बहुत खूब….
अभी तो ऐसा कोई इरादा नही काजल जी ……वैसे आप लोगो के सहयोग से सब कुछ सम्भव है …………..अमूल्य प्रतिक्रिया के तहदिल से शुक्रिया आपका !!
Nice one sir ji
अमूल्य प्रतिक्रिया के तहदिल से शुक्रिया आपका !!
bahut Sundar …….
अमूल्य प्रतिक्रिया के तहदिल से शुक्रिया आपका !!
बेहद खूबसूरत…………..
अमूल्य प्रतिक्रिया के तहदिल से शुक्रिया आपका !!
सीमाप्रहरी देशभक्तोंं को समर्पित भावपूर्ण मुक्तक ,अति सुन्दर रचना “ठिकाना” श्रृंखला की ।
अमूल्य प्रतिक्रिया के तहदिल से शुक्रिया आपका !!
Bahut hi badiya aur khoobsurat..Sir!!????
अमूल्य प्रतिक्रिया के तहदिल से शुक्रिया आपका !!
अति सुन्दर……………………………..
अमूल्य प्रतिक्रिया के तहदिल से शुक्रिया आपका !!