तूँ मेरा मैं तेरी कान्हाभला किस विधफिर मैं तुम्हें रिझाऊँयाद करूँ मैं हर पल तुझकोहो विभोर मैं नीर बहाऊँकर लो तुम भी वादा मुझसेप्रेम तेरा मैं हरदम पाऊँखो जाए धीरज कभी तोतुझसे ही मैं आस लगाऊँकह दो मुझसे ,तुम आओगेजब जब भी मैं तुझे बुलाऊँनींद है गहरी ,उलझ सपनों मेंखो कर ख़ुद मे,ख़ुद भरमाऊँलीला तेरी है अति न्यारीघिरी भँवर में ,पर मुसकाऊँजाल भ्रम का बना अति सुंदरसोच सोच चकित रह जाऊँटूट ना जाए सपन सलोंनासोच सोच कभी घबराऊँकभी मैं सोचूँ और विचारूँभेद है क्या समझ ना पाऊँजब है तू मेरा ,मैं तेरी हूँफिर कियूँ सोचूँ कियूँ घबराऊँतू मेरा ,मैं तेरी कान्हापल पल तेरी प्रीत निभाऊँ
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
Bahut hi sunder bhakti may bhav aapke………..bahut badiya Kiran ji
मानी जी सराहना के लिए बहुत बहुत आभार और धन्यवाद ,
Beautiful work. Very heart touching
शिशिर जी सराहना के लिए आभारी हूँ बहुत २धन्यवाद
भक्ति भाव से पूर्ण ……बेहद सुन्दर…….
बब्बू जी बहुत बहुत dhanyawad
किरन जी बहुत ही बेहतरीन………. सुंदर पेम भाव….. ।
काजल जी सराहना के लिए बहुत२धन्यवाद
खूबसूरत रचना……………………..एक बार “वक़्त जो थोड़ा ठहरता” पढ़ें और अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया दें.
धन्यवाद विजय जी ,वक़त जो थोड़ा ठहरता मैं ज़रूर पढ़ूँगी ,,