फुरसत मिले अगर तो मुझे याद कर लेना दो पल सही मेरे ग़म मे पलकें भिगो लेनाहालात की साजिश थी हम न मिल सके मेरी तस्वीर ही सही दिल से लगा लेना । टूटे हुए सपने हैं बिखरे हुए अरमान है तन्हाइयों के शोर का उठता तूफान है शीशे की है चाहत पत्थर पे ऐतबार हैफूलों मे है रंगत भौरों से उन्हे प्यार है विश्वास की बात है एहसास कर लेना बेचैन हो के दो पल मुझे याद कर लेना । खुशनसीब हो प्यार की दौलत पा गए ज़ुदा होकर भी दिलदार की शोहबत पा गए अकेले चलते रहेंगे हम तो उम्र भर यूं ही ग़म जिंदगी का साथ निभाने को आ गए साहिल पे नही मझधार मे तो साथ कर लेना ग़म की बारात आए तो मुझे याद कर लेना । ………………..देवेंद्र प्रताप वर्मा”विनीत”
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Ab to fursat ke pal nikalne honge…apke itne khubsoorat bhav pad ke
बहुत खूबसूरत……..
Nice song Devendra………..
अति सुंदर……………..