बच्चों के होने से होती है रौनक घर में,सब कुछ अच्छा लगता है,शोर शराबा, धमा चौकड़ी,पूरे घर में होता हंगामा है,तू तू मैं मैं छेड़ छाड़ से,गूँजता घर का हर कोना है,कभी सामान बिखरा इधर,कभी उधर बिखरा होता है,पूरे घर की हालत का,बैंड बजा हुआ होता है,लेकिन फिर भी न जाने क्यों,ये सब अच्छा लगता है,दिल में अताह प्यार का,सागर हिलोरे लेता है,और बार बार ईश्वर को,दिल से शुक्रिया कहता है,हर पल यही दुआ ये करता है,स्वस्थ, सुखी,दीर्घ आयु,और खुशियों से भरा संसार हो,उन्नति उत्कर्ष की छुए सीमा,और उत्कर्ष को उन्नति की,पराकाष्ठा प्राप्त हो,इंसानियत की मिसाल बनेऔर उनको प्रसिद्धि, वैभव,और जग ख्याति प्राप्त हो।।By : Dr Swati Gupta
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सही कहा आपने बिलकुल सही……..बेहतरीन प्यार भरे भावों से रचित रचना ….आपने अपने बच्चों के लिए लिखा है भगवान् सुख समृद्धि बक्शे……जय हो…..
बहुत ही सूंदर और ममतामयी बन पड़ी है तुम्हारी कविता।
Bahut hi sahi kaha aapne………..
सत्य कहा आपने ………..सरल शब्दो में ह्रदय की भावनाओ का खूबसूरत चित्रण !!